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इतिहास और राजनीति >> कभी भी पराधीन नहीं रहा है भारत

कभी भी पराधीन नहीं रहा है भारत

रामेश्वर प्रसाद मिश्र, कुसुमलता केडिया

प्रकाशक : पहले पहल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2011
पृष्ठ :254
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 8881
आईएसबीएन :000000000000

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हजारों साल की गुलामी के झूठ का अनावरण....

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    अनुक्रम

  1. यह पुस्तक क्यों लिखी गई ?
  2. पुस्तक के बारे में
  3. अध्याय-एक : कभी भी पराधीन नहीं रहा है भारत
  4. अध्याय-दो : अलिग्जेंदर के बाद का डेढ़ हजार वर्षों का गौरवशाली इतिहास
  5. अध्याय-तीन : सीरिया से जापान, मंगोलिया से श्रीलंका तक हजारों वर्ष रहा है हिन्दू संस्कृति का प्रभाव
  6. अध्याय-चार : मुस्लिम शासन कभी भी देशव्यापी नहीं था
  7. अध्याय-पाँच : भारत में ब्रिटिश शासन की सच्चाई
  8. अध्याय-छह : कैसे पाई आये भारत में थोड़े समय अंग्रेजों ने सत्ता और फिर क्यों किया उसका हस्तांतरण
  9. परिशिष्ट-1 : भारत में हिन्दू, मुस्लिम एवं ब्रिटिश शासन की भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में अवधि (1947 ई. तक)
  10. परिशिष्ट-2 : प्रमुख अत्याचारियों के अत्याचारों का संकेत
  11. परिशिष्ट-3 : बिटिश काल में 730 स्वतंत्र भारतीय राज्यों की स्थिति
  12. परिशिष्ट-4 : क्लाइव और वारेन हेस्टिंग्स पर लगाये गये अभिटोगों का सार संक्षेप
  13. परिशिष्ट-5 : भारत में मुस्लिम जनसंख्या में वृद्धि तथा कुल हिन्दू जनसंख्या और राष्ट्रीय जनसंख्या में मुस्लिम प्रतिशत
  14. सन्दर्भ
  15. परिशिष्ट-6 : मानचित्रों से बोलती सच्चाई
  16. ग्रन्थ सूची
  17. अंग्रेजी ग्रन्थ सूची

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